क्रिकेट को चलाने वाले बोर्ड सबसे अधिक प्रभावशाली होते हैं | जिसका फायदा भी
क्रिकेटरों को होता है और उसका नुकसान भी उन्हें ही झेलना पड़ता है| यदि क्रिकेट बोर्ड किसी भी
खिलाड़ी का करियर खत्म करने पर विचार कर ले तो फिर उस क्रिकेटर का करियर लगभग खत्म
हो ही जाता है |
ऐसे कई खिलाड़ियों के
करियर के साथ देखा गया है की उनकी लड़ाई अपने क्रिकेट बोर्ड से हुई और उसके बाद
उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत समय खेलने का मौका नहीं मिला| हालाँकि कुछ खिलाड़ियों ने वापसी भी जरुर की लेकिन उस अंदाज से वो
दोबारा नहीं खेल पायें |
आज हम आपको उन
खिलाड़ियों के बारें में बताएँगे | जिनका करियर क्रिकेट बोर्ड ने अपनी जिद में खत्म
कर दिया | इस लिस्ट में शामिल सभी खिलाड़ी बहुत अधिक
प्रतिभाशाली रहे हैं | हालाँकि बोर्ड ने
उन्हें अपने देश के लिए उस प्रतिभा को दिखाने का पूरा अवसर नहीं दिया |
भारतीय क्रिकेट टीम के
खिलाड़ी अंबाती रायडू का क्रिकेट करियर बोर्ड के साथ लड़ाई के कारण ही खत्म माना जाता है | रायडू के करियर में उन्होंने कई बार बोर्ड से पंगा लिया है |
क्रिकेट करियर के शुरू में
ही उन्होंने आईपीएल क्रिकेट खेल लिया था | पहले आईपीएल
में और उसके बाद भारतीय क्रिकेट टीम में उनकी वापसी हो गयी | लेकिन
वो कभी भी क्रिकेट टीम के नियमित सदस्य नहीं बन पायें | लेकिन विश्व कप 2019 के दौड़ में वो नंबर 4 पर बल्लेबाजी के लिए
बहुत आगे चल रहे थे | लेकिन उनका चयन अंत समय में नहीं हुआ |
अंबाती रायडू ने उसके
बाद एक ट्वीट कर दिया, जिसमें उन्होंने 3 डी जैसा
ट्वीट कर दिया | जिसके बाद क्रिकेट खिलाड़ियों के चोटिल होने पर भी अंबाती
रायडू को क्रिकेट टीम में मौका नहीं दिया गया| जिसके कारण उन्होंने क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला भी कर लिया था | हालाँकि उन्होंने अब क्रिकेट में वापसी कर ली है |
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के
तेज गेंदबाज शोएब अख्तर की जब भी बात होती है तो उसमें गति और विवाद दोनों का नाम
जरुर आता है|
अपने गति से जिस तरह से उन्होंने बल्लेबाजो को
जमकर परेशान किया था | खुद वो क्रिकेट बोर्ड से विवाद के कारण उससे भी
ज्यादा परेशान नजर आयें |
शोएब अख्तर अपने पूरे क्रिकेट करियर में पीसीबी से लड़ते हुए ही नजर आये | इसी वजह से वो जितना क्रिकेट मैच खेल सकते थे | उतने क्रिकेट मैच अपने करियर में नहीं खेल पाये | क्रिकेट बोर्ड से विवाद के
कारण ही उन्हें करियर के अंत में प्लेइंग इलेवन से लगातार बाहर रखा जाता रहा था
जिसमें से एक 2011 क्रिकेट विश्व कप का सेमीफ़ाइनल मैच भी था |
वेस्टइंडीज क्रिकेट के आलराउंडर खिलाड़ी ड्वेन ब्रावो का क्रिकेट करियर भी उसी अंदाज में खत्म होने के तरफ गया | हालाँकि पिछले समय ही उनकी क्रिकेट टीम में वापसी हुई है |
उम्मीद है की वो टी20 क्रिकेट विश्व कप 2020
में वेस्टइंडीज टीम में शामिल होंगे, हालाँकि उनकी प्रतिभा का इस्तेमाल पूरी तरह से नहीं हो पाया |
ड्वेन ब्रावो उन क्रिकेट खिलाड़ियों में से एक हैं | जिन्होंने सीधे ही क्रिकेट बोर्ड से पंगा लिया था | 2014
में जब वेस्टइंडीज क्रिकेट की टीम भारत दौरे पर थी | उस समय क्रिकेट मैच फीस ना मिलने के कारण वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों ने सीरीज
खेलने से मना कर दिया था | जिसके बाद से क्रिकेट बोर्ड और ब्रावो के बीच लड़ाई का
आगाज हुआ | ब्रावो को उसके बाद से लगातार क्रिकेट टीम से बाहर रखा
जाता है | हालाँकि क्रिकेट टूनामेंट आने से पहले उनकी वापसी कराई
जाती है | लेकिन उसके बाद अच्छे प्रदर्शन के बावजूद उन्हें क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया जाता है | जिसके कारण इस
दिग्गज क्रिकेट खिलाड़ी ने एक बार संन्यास भी ले लिया था | लेकिन
उसके बाद उन्होंने वापसी कर लिया |
इंग्लैंड क्रिकेट के आक्रामक
बल्लेबाज केविन पीटरसन का
करियर भी क्रिकेट बोर्ड के साथ लड़ाई के कारण ही खत्म हुआ था |
क्रिकेट करियर के अंत में
उनके बोर्ड के साथ विवाद बहुत ज्यादा बढ़ गये थे | जिसका
नतीजा पीटरसन के क्रिकेट करियर का अंत के साथ हुआ | एशेज सीरीज के दौरान
ये विवाद हुआ था |
ऑस्ट्रेलिया के
खिलाफ इंग्लैंड क्रिकेट की टीम को एशेज क्रिकेट सीरीज में बहुत ही बुरी तरह से हार का सामना करना
पड़ा | जिसके बाद क्रिकेट बोर्ड ने उन्हें टीम से बाहर कर दिया | उस समय उसकी वजह बताई गयी की टीम अब युवा क्रिकेट खिलाड़ियों को क्रिकेट खेलने का मौका
देना चाहती है |
जिसके कारण अब
अनुभवी खिलाड़ियों को बाहर कर रही है. लेकिन बाद में पता चला की पीटरसन का कप्तान
एंड्रयू स्ट्रास और कोच एंडी फ्लावर के साथ झगड़े हो रहे थे | जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर करने का फैसला लिया गया था | हालाँकि इस बात को खुद दोनों में कई बार माना भी है |
एक और भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी
गौतम गंभीर का क्रिकेट करियर भी कुछ इसी अंदाज में खत्म हुआ |
प्रेस कांफ्रेस में
और इन्टरव्यू में जिस तरह से गौतम गंभीर बयान दे रहे थे | उसके बाद से ही बीसीसीआई और गंभीर के बीच विवाद बढ़ते ही नजर आ रहे थे | जिसका अंत गंभीर के क्रिकेट संन्यास के साथ ही हुआ |
2012 में कप्तान धोनी और सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर के बीच क्रिकेट विवाद की शुरुआत हुई थी | जिसके बाद से वो प्रेस कांफ्रेस में कुछ ऐसे बयान दिए | जिसके बाद से उस समय का क्रिकेट बोर्ड धोनी के साथ खड़ा हो गया और गौतम गंभीर
को क्रिकेट टीम से बाहर कर दिया गया |
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